सिद्धांत
1. सीबेक प्रभाव (पहला थर्मोइलेक्ट्रिक प्रभाव)
तापमान का अंतर एक विद्युत क्षमता (वोल्टेज) उत्पन्न करता है, जो बदले में एक बंद सर्किट में एक इलेक्ट्रोमोटिव बल उत्पन्न करता है।
2. पेल्टियर प्रभाव (दूसरा थर्मोइलेक्ट्रिक प्रभाव)
जब दो असमान धातुएं एक बंद सर्किट बनाती हैं और सर्किट के माध्यम से डीसी करंट प्रवाहित होता है, तो दोनों जंक्शनों के बीच तापमान अंतर उत्पन्न होता है।
1. कोई गतिशील भाग नहीं
2. छोटा आकार और वजन
3. परिवेश के तापमान से नीचे तक ठंडा हो सकता है
4. एक ही उपकरण हीटिंग और कूलिंग दोनों आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है
5. सटीक तापमान नियंत्रण
6. उच्च विश्वसनीयता: जीवनकाल आमतौर पर 200,000 घंटे से अधिक होता है
7. इलेक्ट्रॉनिक रूप से मौन: कोई इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेप संकेत या शोर उत्पन्न नहीं करता
8. किसी भी कोण पर संचालित होता है
9. सरल और सुविधाजनक ऊर्जा आपूर्ति: प्रत्यक्ष डीसी बिजली का उपयोग करता है; प्वाइंट कूलिंग के लिए पल्स-चौड़ाई मॉड्यूलेशन (पीडब्लूएम)।
10. बिजली उत्पादन: तापमान में अंतर लागू करकेथर्मोइलेक्ट्रिक कूलर, इसकी "रिवर्स प्रक्रिया" का उपयोग करके इसे एक छोटे डीसी जनरेटर में बदला जा सकता है।
11. पर्यावरण के अनुकूल।